सहकार गंगा ग्राम योजना - गंगा की पवित्रता बनाए रखने के लिए इसका मुख्य उद्देश्य है गांव व शहरों जहां से गंगा निकलती है दूषित जल निकासी, मल निकासी , उद्योगों द्वारा व्यापारिक वही स्राव तथा अन्य प्रकार के कई स्रोतों द्वारा प्रदूषण अपशिष्ट , खेती में प्रयोग होने वाले खतरनाक केमिकल पदार्थ इस नदी में पाया जाता है जिसके फलस्वरूप गंगा प्रदूषित हो जाती है | इस प्रदूषण को रोकने के लिए गंगा के किनारे गांव/ शहरों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर जल प्रदूषण को रोकना, सॉलि़ड एंड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाना, पुरातत्व संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देना, ग्रामीण क्षेत्रों जहां से गंगा गुजरती है वहां आदर्श सहकारी ग्राम बनाकर ग्रामीण आजीविका को मजबूत करना एवं वहां के लोगों को आर्थिक स्वालंबन बनाना है।
गांव/ शहरों के विकास के लिए सहकारी समितियों का गठन प्राकृतिक खेती, डेयरी उद्योग, मत्स्य पालन, तथा घाटों के लिए पर्यटन उद्योग से संबंधित सहकारी समितियों के माध्यम से लोगों के विकास का कार्य होगा तथा चयनित गांव के लोगों की आर्थिक उन्नति होगी
सहकार भारती का उद्देश्य सहकार गंगा ग्राम योजना के तहत चयनित गांव/ शहरों के लोगों को प्रशिक्षण देकर समितियों का गठन करा कर गांव/ शहरों के लोगों की आर्थिक उन्नति कराना है।