सहकारी आंदोलन के लाभ समाज को अवगत कराना।
लोगों को राष्ट्रीय, राज्य, जिला तहसील तथा प्राथमिक स्तर पर विविध प्रकार की सहकारी संस्था स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना।
विद्यमान सहकारी संस्थाओं को उनकी समस्या और मुश्किलों में मार्गदर्शन तथा मदद करना।
सहकारी संस्थाओं की स्थापना, प्रगति तथा संचालन से जुड़ी बातें लेकर सहकारी विभाग, राज्य, केन्द्र शासन, रिजर्व बैंक, N.C.D.C. NABARD और ऐसी राज्य या केन्द्र स्तर की अन्य संस्था में प्रतिनिधित्व देने में मदद करना।
विविध क्षेत्र में विशेषकर सामाजिक, आर्थिक तथा सहकारी क्षेत्र में अनुसंधान के लिये प्रोत्साहित करना, उत्तरदायित्व लेना, शुरू करना।
व्यक्ति संस्था तथा सहकारी संस्थाओं की तकनीकी-आर्थिक सेवा प्रदान करना।
ग्रामीण तथा जनजातीय क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु सर्वेक्षण, अभ्यास कराना तथा एसे प्रकल्पों की सहायता करना।
सहकार भारती के उद्देश्यों को पूरा करने हेतु शाखाओं का निर्माण।
पिछड़े क्षेत्र, लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सहकार के माध्यम से सुधार हेतु जो आवश्यक हो वह करना।